कही माफिया निगल तो नही जाएंगे ..जीवन दायनी ककुनुक को ....जैतपुर में भूरी रेत का काला कारोबार शहडोल। जिले...
कही माफिया निगल तो नही जाएंगे ..जीवन दायनी ककुनुक को ....जैतपुर में भूरी रेत का काला कारोबार
शहडोल। जिले के अंतिम छोर जैतपुर स्थित कुनुक नदी इन दिनों क्षेत्र के रेतमाफियाओं के निशाने पर है अवैध रेत खनन में लगे क्षेत्र के दर्जनों रेत माफियाओं ने आसपास के गांव के ग्रामीणों को संगठित कर वन क्षेत्र में स्थित नदी का सीना छलनी करने में लगे हुए हैं। पुलिस व वन विभाग की मिलीभगत से दिन रात बेखौफ रेत माफिया रोजाना सैकड़ा भर ट्रैक्टरों से रेत नदी से निकाल रहे हैं । इन माफिया के सामने जिम्मेदार अपने आप को बोना साबित कर रहा है
*माफिया कर रहे कुनुक का अस्तित्व खत्म*
जैतपुर क्षेत्र से कल कल करती कुनुक नदी में लगातार हो रहे रेत के अवैध खनन से नदी का अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया। स्थिति यह है कि नदी से रोजाना काफी तादाद में रेत माफिया के द्वारा दिन रात रेत निकाला जा रहा है। जिससे नदी के आसपास बसे हुए गांव का जलस्तर कम हो रहा है। खास बात यह है कि यह रेत खनन पुलिस व वन विभाग के संरक्षण में किया जा रहा है। वहीं स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि अगर कुनुक नदी से रेत के अवैध खनन पर रोक नहीं लगाई तो आने वाले कुछ साल में यहां पर पानी का संकट खड़ा हो जाएगा।
*छुटभैय्या नेताओं का भी संरक्षण*
जैतपुर क्षेत्र में कुछ छुटभैय्या नेताओं के संरक्षण में अवैध रेत का काला कारोबार चल रहा है ।
सक्रिय रेत माफियाओं को जनप्रतिनिधियों का संरक्षण है। कार्रवाई होने पर राजनीतिक दबाव अधिकारियों पर बनाया जाता है। शुरुआती कार्रवाई के बाद अमले आगे कार्रवाई नहीं करता। जानकारी के अनुसार कई जगह जनप्रतिनिधियों के परिजन ही रेत उत्खनन और परिवहन का काम कर रहे हैं।
*रेत माफिया के आगे प्रशासन खामोश*
खनिज संपदा से भरपूर जिले के जैतपुर में प्रशासन के समानांतर माफिया राज चल रहा है। जीवनदायिनी कुनुक नदी पर माफिया का बोलबाला है। माफिया का आपराधिक चरित्र इतना व्यापक और विकराल हो चुका है कि खनन के माफिया फर्श से अर्श पर पहुंच गए हैं और अफसर इनके रुतबे के आगे खामोश हैं। अवैध खनन माफिया सरकारी खजाने को करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे हैं और यह काम अफसरों और राजनीतिक संरक्षण के बिना हो ही नहीं सकता। लगातार खनन से कुनुक का अस्तित्व ही खतरे में पड़ रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को पारदर्शी नीति और कड़ा नियंत्रण रखना होगा अन्यथा माफिया एक दिन इस कुनुक को ही निगल जाएगा
COMMENTS