राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण संबंधी अंतर्विभागीय कार्यशाला संपन्न अशोकनगर 28 जुलाई 2020 कलेक्टर श्री अभय वर्मा की अध्यक्ष...
राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण संबंधी अंतर्विभागीय कार्यशाला संपन्न
अशोकनगर 28 जुलाई 2020
कलेक्टर श्री अभय वर्मा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में मलेरिया,चिकनगुनिया एवं डेंगू के नियंत्रण एवं उपचार के संबंध में अंतर्विभागीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में अपर कलेक्टर डॉ.अनुज रोहतगी,मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री बी.एस.जाटव,सिविल सर्जन डॉ.हिमांशु शर्मा,जिला मलेरिया अधिकारी श्रीमती दीपा पाठक,संबंधित विभागों के अधिकारियों तथा चिकित्सकों ने भाग लिया।
कार्यशाला में डेंगू, मलेरिया नियंत्रण में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए सभी अधिकारियों के सहयोग की अपेक्षा की। डेंगू तथा मलेरिया नियंत्रण हेतु पानी का जमाव नहीं होने देने के लिए सभी ऐसे स्थलों में पानी की निकासी एवं कीटनाशक दवा का छिड़काव करने के निर्देश दिए गए । ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्रों में डेंगू तथा मलेरिया के प्रति लोगों को जागरूक करने के निर्देश देते हुए कहा कि घर के आसपास साफ-सफाई रखने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए ताकि मच्छर उत्पन्न न हो।
कार्यशाला में जिला मलेरिया अधिकारी दीपा पाठक ने मलेरिया एवं डेंगू से बचाव तथा उपचार के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि घरों में रखे कूलर में खस पेड या जाली न बदले जाने, गमलों, पुराने टायर, फूलदान आदि में पानी के जमाव से डेंगू के लार्वा को पनपने का मौका मिलता है। बिना ढक्कन वाली पानी की टंकियाँ भी इसका कारण बन जाती हैं। डेंगू स्वच्छ पानी में मच्छरों के कारण फैलता है।
डेंगू ,चिकनगुनिया तथा मलेरिया के लक्षण तथा बचाव
कार्यशाला में जानकारी दी गई कि अकस्मात तेज सिर दर्द व बुखार होना, मासंपेशियां तथा जोड़ों में दर्द होना, ऑखों के पीछे दर्द होना, जो कि ऑखों को घुमाने से बढ़ता है, जी मचलना एवं उल्टी होना तथा गंभीर मामलों में नाक, मुंह, मसूड़ों से खून आना अथवा त्वचा पर चकते उभरना डेंगू के लक्षण होते हैं। इसी प्रकार सर्दी व कंपन के साथ बुखार, उल्टियां, सिरदर्द, पसीना आकर बुखार उतरना, बुखार उतरने के बाद थकावट व कमजोरी होना मलेरिया के लक्षण हैं। बुखार आने पर तुरंत रक्त की जांच कराना चाहिए। जांच में मलेरिया की पुष्टि होने पर पूरा उपचार लेना चाहिए। मलेरिया के लिए खून की जांच व उपचार सुविधा सभी शासकीय चिकित्सालयों पर निःशुल्क उपलब्ध है।
मलेरिया एवं डेंगू नियंत्रण के उपाय
कार्यशाला में जानकारी दी गई कि मलेरिया से बचाव के लिए सोते समय मच्छरदारी का उपयोग करना चाहिए। घर के आसपास पानी एकत्रित नहीं होने दें और टीमोफाफस, मिट्टी का तेल या जला हुआ इंजन ऑयल डालना चाहिए। घर एवं आसपास अनुपयोगी सामग्री में पानी जमा नहीं होने दें और सप्ताह में एक बार कूलर, बाल्टियों में एकत्रित पानी खाली कर दें। पानी के पानी को ढककर रखना चाहिए और हैण्डपम्प के पास पानी एकत्रित नहीं होने देना चाहिए। मच्छरों एवं उनके लार्वा को नष्ट करने के लिए घरों में पायरेथ्रम का छिड़काव, पानी भरे हुए बर्तनों में, जल संग्रहित स्थानों में टेमोफास का छिड़काव किया जाता है।
कार्यशाला में जानकारी दी गई कि मलेरिया पेरासाईड को मनुष्य के शरीर में नष्ट करने के लिए मलेरिया की औषधियां तुरंत प्रारंभ की जाती हैं जिससे प्लास्मोडियम की मच्छर के शरीर में जाने वाली अवस्था गेमिटोसाइट मनुष्य के रक्त में नहीं बन पाती है। इसके अलावा मच्छरों एवं उनके लार्वा को नष्ट करने के लिए घरों में पायरेथ्रम का छिड़काव कर, पानी भरे हुए बर्तनों में, जल संग्रहित स्थानों में टेमोफास का छिड़काव किया जाता है। तालाबों, पोखरों, कुओं, बाबड़ी में लार्वाभक्षी गम्बूसिया मछलियां डाली जाती है
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