कचरे से खाद्य सामग्री खाते हुए व्यक्ति को देख थर्ररई रूह -समाज सेवा और जनसेवा के दावों पर खड़े हुए ...
कचरे से खाद्य सामग्री खाते हुए व्यक्ति को देख थर्ररई रूह
-समाज सेवा और जनसेवा के दावों पर खड़े हुए प्रश्नचिन्ह, मजबूरी और भूख नही देखती घर या कचराघर
अशोकनगर। कचरे के ढेर से राशन सामग्री उठाता हुआ मजबूर।
फोटो कैप्सन 14 एएसएच 202
अशोकनगर। राशन सामग्री उठाने के बाद वहीं पर खाता हुआ मजबूर व्यक्ति।
अशोकनगर। ( राजकुमार प्रजापति) भीषण संकट के इस दौर में तमाम स्वयंसेवी संगठनों और जनप्रतिनिधियों के समाजसेवा के दावों को मुहं चिढ़ाने वाला मामला सामने आया है। एक ओर जहां जरूरतमंदो को मद्द पहुंचाने वाले तमाम फोटो और वीडियों सोशल मीडिया पर अपलोड हो रहे है, तो वही अशोकनगर के विदिशा रोड़ पर एक जरूरतमंद व्यक्ति कचरे के ढेर में से खाद्य सामग्री बीन-बीन कर खाता हुआ नजर आया। जिस किसी ने भी इस दृश्य को देखा उसकी रूह पसीज गई। वहीं कुछ लोग तो तत्काल इस व्यक्ति की व्यथा को सुनने के लिए मौके पर ही एकत्रित हो गए। अक्सर इस प्रकार की फोटो और वीडियो इस विभीषिका के दौरान सोशल मीडिया पर देखे जा रहे है। जो कि तमाम दावों और सिस्टम की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर रहे है।
दरअसल स्थानीय विदिशा रोड़ पर शाम करीब 4.15 पर एक व्यक्ति नंगे पैर चुपके-चुपके आया और कचरे के ढेर की ओर देखना लगा। जब उसे उस कचराघर में रखी कुछ खाद्य सामग्री और फल दिखे, तो उसने तुरंत निकाले और जल्दी-जल्दी से अपनी भूख मिटाने केलिए खाने लगा। इस दृश्य को देखने वाले लोगों की जहां आंखे भर आई, तो मौके पर मौजूद लोगों द्वारा उसकी मद्द करना भी चाही, लेकिन फिर सिर झुकाए चलता बना।
भूख और मजबूरी ने पहुंचाया कचरेघर तक:- इस विभीषक दृश्य को देखकर वहां खड़े प्रत्येक व्यक्ति की रूह कांप उठी और सब यह कहते हुए नजर आए, कि भूख और मजबूरी कुछ नही देखती कि वह घर है या कचराघर भूख तो सिर्फ अपना पेट भरना जानती है वह कैसे भी भरे।
ढकोसला साबित हुए शासन-प्रशासन के दावे:- लॉकडाउन के दौरान जहां विभिन्न सामाजिक संगठन और स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा जरूरतमंद लोगों की मद्द की हो, लेकिन तृतीय लॉकडाउन के दौरान वह भी उस समय जब रोजमर्यादा की जिदंगी के कुछ काम होने लगे है, उस समय इस तरह का दृश्य देखकर काफी अचरच हुआ। वहीं इस तरह के दृश्य ने जहां सरकार के तमाम दावों पर प्रश्नचिन्ह लगा दिये। यह गौर करने वाली बात ये है कि प्रशासन द्वारा भूखे लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की थी, लेकिन वह अब उन तक नही पहुंच रही है। जिसके कारण लोग मजबूरी में इस तरह अपना पेट भरते हुए नजर आ रहे है। वहीं जब उक्त व्यक्ति से मद्द करने व उसके बारे में जानकारी मांगी गई तो वह अपने सिर को झुकाता हुआ चल दिया।
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