जिला झांसी तहसील गरौठा के नगर- गुरसराय। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बने शोपीस नहीं मिल पा रहा जनता क...
जिला झांसी तहसील गरौठा के नगर- गुरसराय। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बने शोपीस नहीं मिल पा रहा जनता को लाभ।ओ.पी.डी. बंद केवल इमरजेंसी व्यवस्था लागू कर देने से आम जनमानस दिक्कत महसूस कर रहा है। यही नहीं नगर के अधिकांश प्राईवेट अस्पताल भी कोरोना बायरस के चलते डाक्टरों द्वारा बंद कर दिये गये लोग दस्त , पल्टी, और साधारण खांसी एवं बुखार के मरीजों को भी चिकित्सक सही तरीके से इलाज न कर इमरजेंसी की बात कहकर अपनी बात कहते नजर आ रहे हैं। आखिरकार यह कैसी चिकित्सीय व्यवस्था है जहां आम आदमी इलाज के लिए भटकता फिरे और उसका इलाज न हो सके। यही नहीं केंद्र व प्रदेश सरकार भले ही कोरोना बायरस को लेकर करोड़ों रुपये खर्च करके लोगों को हर सम्भव प्रयास को लेकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रही हो। लेकिन नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी उनकी योजनाओं का लाभ एवं रोकथाम के लिए कोई सुविधा मुहैया नहीं करायी जा रही है और न ही मरीजों का उचित इलाज दिया जा रहा है। और अस्पताल परिसर में खुले आम प्राईवेट प्रेक्टिस जारी है। जबकि इस दैवीय आपदा के दौरान कोई भी सरकार की मंशा कार्य करने को तैयार नहीं है। और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में जहां सरकारी दवाओं को न देकर अधिकांश पर्चे बाहर स्थित मेडीकल स्टोरों से लिखे जाते हैं। यही नहीं जहां कोरोना बायरस महामारी को लेकर पूरे देश में त्राहि त्राहि मची हुई है। वहीं लोग तरह तरह के उपाय खोज रहे हैं। वहीं जब ग्रामीण क्षेत्र के लोग सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गुरसराय सरकारी सुविधाओं के चलते वहां मास्क एवं सेनेटाइजर लेने वहां पहुंचे तो वहां सब ढाक के तीन पात नजर आते हुये सरकार के दावों की पोल खुलती साफ नजर आयी। वहां कोरोना बायरस महामारी से निपटने के लिए कोई भी सुविधा शासन द्वारा मुहैया नहीं करायी गई। आज भी ग्रामीण क्षेत्र के लोग इलाजों के भटकते फिरे। आशाराम, विनोद कुमार, कमल किशोर, हरगोविंद सिंह, राजकुमारी, श्यामा देवी ने बताया कि आज हम इलाज कराने आये यहां इलाज न कर ओ.पी.डी. बंद की बात कह कर केवल इमरजेंसी मरीजों को देखने की बात कही गई। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों का गरीब तपके का व्यक्ति इलाज कराने को आखिरकार कहां जाये। और ग्रामीणों ने जब यहां पर मास्क आदि कोरोना से बचाव के लिये मांगे गये तो कहीं कोई देने को तैयार न होकर बताया गया है यहां ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। यह सभी समान बाजार से खरीद कर अपना बचाव करें। आखिरकार सरकारी दावों से इस तरह आम आदमी का कैसे बचाव हो सकेगा। जहां शासन द्वारा आज तक स्वास्थ्य केंद्रों पर इस महामारी से बचने के लिए कोई भी उपाय न करना चिंता का विषय बना हुआ है। यही नहीं कोरोना बायरस के चलते ओपीडी को बंद कर दिया गया है और मात्र इमरजेंसी के मरीजों को देखे जाने का स्टीकर लगा दिया गया। सुनील जैन डीकु की रिपोर्ट
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