ब्लड के लिये दर-दर भटक रहा आदिवासी वर्ग, रोगी कल्याण समिति ने एक हजार की काटी रसीद, विधायक प्रतिन...
ब्लड के लिये दर-दर भटक रहा आदिवासी वर्ग, रोगी कल्याण समिति ने एक हजार की काटी रसीद, विधायक प्रतिनिधि से शिकायत करने पर शुल्क को किया वापस
अशोकनगर. जिला अस्पताल में गरीबों व आदिवासी परिवारों को ब्लड जांचने की शुल्क से बाहर रखा गया है। जबकि यहां रोगी कल्याण समिति लगातार आदिवासी वर्ग के लोगों की रसीद काटकर अपनी जेबें भर रही है। ऐसा ही मामला आज फिर देखने को मिला जहां दस्तक अभियान में आये कलेक्टर व विधायक प्रतिनिधि से शिकायत के बाद गरीब द्वारा दी गई एक हजार रूपये की शुल्क को वापिस किया गया।
दरअसल जिले के चंदेरी के ग्राम महुअन निवासी अर्जुनङ्क्षसह पुत्र नारायणसिंह आदिवासी को खून की कमी के चलते चिकित्सकों ने खून चढ़ाने की सलाह दी है। शनिवार से भर्ती अुर्जनसिंह को ब्लड की भारी कमी होने से उसने ब्लड बैंक से एक पैकेट खून लिया जिसके एवज में रोगी कल्याण समिति ने सहयोग राशि के रूप में रक्त कोष इकाई परीक्षण शुल्क के नाम पर रसीद क्रमांक ४१८८ काटकर गरीब की पत्नी से १०५० रूपये ले लिये गये। जब इसकी जानकारी समाजसेवी प्रियेश शर्मा को लगी तो उन्होंने मीडियाकर्मियों को बताया। इस दौरान दस्तक कार्यक्रम में शामिल होने आईं कलेक्टर डा. मंजू शर्मा और विधायक प्रतिनिधि महेंद्र भाद्वाज से इसकी शिकायत की तो सिविल सर्जन डा. हिमांशु शर्मा ने उक्त शुल्क को लौटाया। बहारहाल यह पहला मौका नहीं है जब इस तरह से रोगी कल्याण समिति गरीबों से शुल्क लेकर उन पर भार डाल रही है इसके पूर्व भी अनेकों बार सहरिया, कुंचबंदिया, मोंगिया, पारदी, गौंड आदि आदिवासी परिवारों से शुल्क लेती रही है जबकि संपूर्ण देश में गरीब व आदिवासी परिवारों से खून जांचने की शुल्क में पूरी तरह छूट रखी गई है बावजूद इसके उलट आदिवासी परिवारों से फीस ली जा रही है।
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