बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा अध्यक्ष भानू सहाय की नेतृत्व में केन्द्र के 6 माह पूरे होने पर माननीय प्रध...
बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा अध्यक्ष भानू सहाय की नेतृत्व में केन्द्र के 6 माह पूरे होने पर माननीय प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से भेट किया गया।
ज्ञापन में कहा गया कि बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण का आन्दोलन लम्बे समय से किया जा रहा है, हर बुन्देली ह्दय से समर्थन कर रहा है। मुद्दा भावनात्मक है, इसलिए राजनैतिक दल इसका उपयोग एवं दुरूपयोग अपने-अपने तरीके से करते आये है।
लोकसभा (2014) चुनाव में झांसी-ललितपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद एवं केन्द्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती जी ने पृथक बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण के मुद्दे को जोर-शोर से उठाकर बुन्देलखण्ड की जनता से वादा किया था कि केन्द्र में एन0डी0ए0 की सरकार बनने के तीन साल के भीतर बुन्देलखण्ड राज्य बनवा दिया जायेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार ने सात जनपदों, झांसी, ललितपुर, जालौ, हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट एवं महोबा को मिलाकर बुन्देलखण्ड विकास प्राधिकरण बनाया मध्य प्रदेश सरकार ने सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, दमोह, पन्ना निवाड़ी व दतिया को शामिल कर बुन्देलखण्ड विकास निगम बनाया है। इन्हीं 14 जनपदो को बुन्देलखण्ड मानकर केन्द्र सरकार ने बुन्देलखण्ड पैकेज दिया था। जब केन्द्र सरकार, उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश सरकारों ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र के उक्त भू-भाग को चिन्हित कर भौगोलिक मान्यता प्रदान कर दी है तो विधिक मान्यता दिये जाने में देरी क्यों की जा रही हे।
बुन्देलखण्ड राज्य बुन्देलियों का सम्मान है जिसे पूरा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा जायेगा आजादी के 72 साल बाद भी केन्द्र सरकार के दस्तावेजों में‘‘ अति पिछड़ा ़़क्षेत्र बुन्देलखण्ड लिखा है जो हमारी दुर्दषा का बखूबी ब्यान करता है कि बदहाली के कगार में खड़ा बुन्देलखण्ड क्षेत्र बिना राज्य बने खुशहाली के पथ पर आगे बढ़ ही नही सकता ।
केन्द्र मे पुनः आप मान्यवर की सरकार बने 6 माह पूर्ण हो गये है परन्तु अभी तक राज्य निर्माण के पक्ष में कार्यवाही प्रारम्भ नहीं हुई है।
ज्ञापन में मांग की गई की बुन्देलखण्ड वासियों की भावनानुसार शीघ्र राज्य निर्माण किये जाये। ज्ञापन भेट करने वालों में आशोक सक्सेना एडवोकेड रघुराज शर्मा, बरूण अग्रवाल, हमीदा अंजूम, उत्कर्ष साहू, गिरजा शंकर राय, हनीफ खांन वरिष्ठ पत्रकार, देवी सिंह कुशवाहा, सी0डी0 लिटोरिया, रवि माथुर, राम गुप्ता, पंकज मिश्रा नोटा, ललित पारासर, सतेन्द्र श्रीवास्तव, बृजेश राय, नरेश वर्मा, कुंवर बहादूर आदिम, प्रेम सपरे, मौलाना कामिल, हबीर्बुर रहमान, चन्दा बाई, मकबूल सिद्दकी, गोलू ठाकूर, हरवंश लाल, पिंकी जैन, प्रभुदयाल कुशवाहा, रिजवाना गौरी, रिजवाना राइन, शाहिदा बेगम, विजय रायकवार, अरूण रायकवार, अकलाख मकरानी, फरहीन खंान, दुली चन्द्र, रसीद मन्सूरी, गोविन्द सोनकर, आदि उपस्थित रहे
रिपोर्ट नाजमा आब्दी
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